- Dalit-Mahadalit Sammelan, Patna
- By -    JDU Media Cell
- 10/03/2018
दलितों के अधिकार का कोई हनन नहीं कर सकता
3 अक्टूबर को भागलपुर, पटना, बक्सर, पूर्णिया, दरभंगा और बेगूसराय में जदयू का दलित-महादलित सम्मेलन हुआ। पटना के सम्मेलन में स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य श्री बशिष्ठ नारायण सिंह मौजूद रहे। राष्ट्रीय महासचिव सह विधायक श्री श्याम रजक पटना सम्मेलन के मुख्य आयोजनकर्ता थे। पटना के साथ ही भागलपुर में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व राज्यसभा में दल के नेता श्री आरसीपी सिंह के नेतृत्व में सभा हुई। वहीं बक्सर में परिवहन मंत्री श्री संतोष निराला, पूर्णिया में अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री श्री रमेश ऋषिदेव, दरभंगा में भवन निर्माण मंत्री श्री महेश्वर हजारी और बेगूसराय में पूर्व मंत्री सह विधानपार्षद श्री अशोक चौधरी ने सभा का नेतृत्व किया। सभी सभाओं में उत्साहित कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
पटना में आयोजित सभा में श्री नीतीश कुमार ने कहा कि दलितों के अधिकारों का कोई हनन नहीं कर सकता। दुनिया की कोई ताकत नहीं जो देश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को बदल दे। उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं से कहा कि आप सभी समाज में प्रेम, भाईचारा और सद्भावना बनाकर रखने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि हमलोगों का यकीन झगड़ा में नहीं, प्रेम में है। अनाप-शनाप बोलते रहने वालों की चिन्ता नहीं करें। जिनको कोई काम नहीं, वो बोलते रहते हैं। श्री नीतीश कुमार ने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि जदयू के सभी कार्यकर्ता व नेता इनकी जानकारी लोगों तक पहुँचाएं और उनके मन में कोई प्रश्न है तो वो जानने की कोशिश करें।
प्रदेश अध्यक्ष श्री बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में दलित-महादलित के लिए जो कार्य हुए हैं, वैसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं। उन्होंने कहा कि सत्ता यदि सेवा का पर्याय बन जाए तो सरकार और लोकतंत्र को इससे स्थायी मजबूती मिलती है। श्री नीतीश कुमार ने अपने कार्यों से यह करके दिखाया है। वहीं, श्री श्याम रजक ने कहा कि श्री नीतीश कुमार के कारण अब दलित-महादलित याचक नहीं दाता की भूमिका में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के दलित-महादलित श्री नीतीश कुमार के साथ हैं और रहेंगे।
उधर भागलपुर में आयोजित सभा में श्री आरसीपी सिंह ने कहा कि जदयू के लोगों के लिए पार्टी और सरकार का दायित्व पहले है और परिवार पीछे, जबकि यहां विपक्ष की पूरी राजनीति परिवार के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है। वहां परिवार पहले है और राज्य पीछे। उन्होंने कहा कि विपक्ष दलित-महादलित समाज के लोगों के बीच आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने में लगा हुआ है, जबकि सच यह है कि स्वतंत्र भारत में अबेडकर के सपनों को किसी ने मूर्त रूप दिया है तो वो केवल श्री नीतीश कुमार हैं। लोग चाहे जितनी कोशिश कर लें पर राज्य के दलित-महादलित किसी के झांसे में नहीं आएंगे।
बेगूसराय की सभा में श्री अशोक चौधरी ने कहा कि श्री नीतीश कुमार ने दलित-महादलित को शिक्षित करने के लिए हर स्तर पर और हर तरह की सुविधा का ध्यान रखा है। उन्हें पता है कि इस समाज का वास्तविक सशक्तिकरण उनके शिक्षित होने पर निर्भर करता है। उधर राज्य सरकार के मंत्रियों - श्री संतोष निराला, श्री रमेश ऋषिदेव, श्री महेश्वर हजारी - ने अपनी-अपनी सभाओं में विस्तार से श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार द्वारा किए गए कार्यों को रखते हुए बताया कि हमारी सरकार ने दलितों और महादलितों को बराबर का हक दिया। पदोन्नति में आरक्षण को लागू किया गया, खाद्य सुरक्षा योजना शुरू की गई और यह सुनिश्चित किया गया कि सदियों से वंचित यह समाज सिर उठाकर जी सके। मंत्रियों ने कहा कि 2005 में श्री नीतीश कुमार के बिहार की बागडोर संभालने के बाद से सदियों से वंचित दलित-महादलित समाज के उत्थान का नया युग शुरू हुआ है।