- 2nd Anniversary of Liquor Ban in Bihar
- By -    JDU Media Cell
- 04/05/2018
हमें वोट नहीं वोटरों की चिंता
बिहार में शराबबंदी के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर अपने इस निर्णय को लेकर प्रतिबद्धता जताई और कहा कि उन्हें ‘वोट’ नहीं ‘वोटरों’ की चिंता है। बिहार में हुई शराबबंदी की आलोचना करने वाले विपक्ष पर निशाना साधते हुए श्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग मानव श्रृंखला में हाथ से हाथ जोड़कर खडे़ थे, वे अब शराबबंदी के खिलाफ बोल रहे हैं। यह कैसी नैतिकता है?
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि शराबबंदी से समाज में बड़ा बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा कि 21 जनवरी 2017 को शराबबंदी के लिए बनी मानव-श्रृंखला में पूरे बिहार में हमलोगों ने दो करोड़ लोगों के शामिल होने का लक्ष्य रखा था। लेकिन लगभग चार करोड़ लोग मानव-श्रृंखला में शामिल हुए थे। यह कोई मामूली बात नहीं है।
कार्यक्रम के दौरान श्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘आज जो लोग अखबार में बयान दे रहे हैं कि शराबबंदी कानून के तहत एक लाख से ज्यादा लोग बिहार की जेलों में बंद हैं, जबकि बिहार की सभी जेलों को मिलाने पर भी उनमें एक लाख कैदियों को रखने की क्षमता नहीं है।’ उन्होंने कहा कि विपक्ष को जेल में बंद शराब पीने वालों, शराब बेचने वालों और शराब का कारोबार करने वालों की चिंता है, लेकिन वे उन लोगों की ओर नहीं देखते जिनकी जिंदगी शराबबंदी के बाद अच्छी हो गई। शराबबंदी से लाखों परिवार को फायदा हुआ है।
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य में हुई शराबबंदी को बड़ा सामाजिक बदलाव बताते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी को कोई खत्म नहीं कर सकता और ना ही किसी में इसे खत्म करने की हिम्मत है। उन्होंने शराबबंदी के लिए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि इतना बड़ा कदम उठाने और उस पर अडिग रहने के लिए मैं मुख्यमंत्री की हिम्मत की दाद देता हूं। इस मौके पर मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, श्री श्रवण कुमार, मुख्य सचिव श्री अंजनी कुमार सिंह समेत कई गणमान्य मौजूद रहे।