बालिका साइकिल व पोशाक योजना
साइकिल सुनने में छोटी चीज लगती है, लेकिन इसने बिहार में लड़कियों को दुनिया को देखने और अपने लक्ष्य को छूने का नया नजरिया दे दिया। उनमें आत्मविश्वास जगा कि वे घर से स्कूल का सफर अकेली कर सकती हैं। यही नहीं अब तो वे बाहर से घर के कुछ और काम भी निबटाते आ जाया करती हैं। इसी तरह पोशाक योजना लागू होने के बाद वे लड़कियां भी घर से स्कूल का रुख करने लगीं जो तन पर पूरे कपड़े ना होने के कारण स्कूल का रुख नहीं कर पाती थीं। बिहार के गांवों-कस्बों में अब जब लड़कियां साइकिल चलाते हुए एक समान पोशाक में कर 50 फीसदी आरक्षण का निर्णय लिया गया। यही नहीं, बिहार पहला राज्य है जहां निजी कम्पनियों को भी आरक्षण के दायरे में लाया गया है।